Type Here to Get Search Results !

विभिन्न_गोंडों_की_गोत्रावली_आप_की_जानकारी_हेतु_ध्रुव_वंश_गोत्रावली

 #विभिन्न_गोंडों_की_गोत्रावली_आप_की_जानकारी_हेतु_ध्रुव_वंश_गोत्रावली

तीन देव:- सोरी, मरकाम, खुसरो

चार देव :- नेताम, टेकाम, करियाम, सिंदराम.

पांच देव :- पडोती, पद्राम, पुराम, किले, नहका, नमृर्ता

छ: देव:- कतलाम, उइका, ओटी, कोर्राम, तुमरेकी, कोड़प्पा, कोमर्रा, कोहकटा, पट्टा, अरकरा, दराजी, सलाम, पुसाम, पावले, घावड़े, ततराम, जीर्रा, मातरा,गावडे़, कुमेटी,

सात देव :- कुंजाम, सेवता, मरई (मंडावी), खुरश्याम, ताराम, पंद्रो, श्याम

*मुख्य देवगढ़*

तीन देव:- “धमधागढ़”

चार देव:- “लांजीगढ़”

पांच देव:- “बैरागढ़”

छ:देव:- “चांदागढ़”

सात देव:- “मंडलागढ़”


टीप:- यह गोत्र व्यवस्था दुर्ग, रायपुर, राजनांदगांव के प्लेन क्षेत्र में प्रचलित है..!!


*माठिया गोंड*

यह बिलासपुर, रतनपुर एवं सरगुजा वनक्षेत्र में प्रचलित है:-


तीन देव:- धमधागढ़, शांडिल्य गोत्र बाघ बाना

मरकाम, नेटी, खुसरो, सोरी, सिरसो, पोया

चार देव:- रायसिंघोरागढ़, गोत्रगुरूप,बाना फुलेशर

टेकाम, नेताम, आयम, केराम, करियाम, शिवराम, मर्सकोला, तिलगाम, सिंगराम, घुरायम, धुरवा, लेडाम, पुसाम, ओची, परपची, उडवाची, झिकराम, झुकरा

*पांच देव:-* हीराग, कांशी, गोत्र कटककेसर बाना

ओटी, पोटी, सवाम, चिरको, डफाली

पांच देव:- बैरागढ़, शेया गोत्र, परथ बाना

परते, कमरो, कोरचो, ओलको, चेचाम

*छ:देव:-* देवगढ़, पुहुप गोत्र, नाग बाना

उइका, उर्रे, अरमो, ओरकेरा, कोर्राम, मरापो, ओड़े, ओडाली, पावले, नगतध्रुर्वा, पोटा, नीरा

*सात देव:-* गढ़ मंडला, आंडिल्य गोत्र, नाग बाना

मरावी, मसराम, श्याम, सरूता, मलगाम, मर्सकोला, करपे, पंद्रो, घेराम, सोरटिया, आरमोर, कंगाली, भलावी, मलावी, बदिहा, कोलिहा


*पहरिया गोंड*

*इसमें देव व्यवस्था नही होती सिर्फ पक्ष विपक्ष होता है..*


*प्रथम पक्ष_*

गावड़े, नेताम, टेकाम, कोर्राम, कोमर्रा, कुमेटी, मरकाम, करलाम, पोया, पद्दा, पदोटी, तुमरेकी, उइका, सलाम, कमरो, उसेंडी, हिडको, सोरी, पुडो, नुटी, तटा, वट्टी, तोपा, मतलामी, मर्रापी, परचापी, होडोपी, होडोषी, हिरामी, हिचामी, हर्रो, कोवाची, केराम, कोरचा, कमरो, कुमेटी, करियाम,

*द्वितीय पक्ष–* मरई, कुंजाम, श्याम, ध्रुर्वा, कोरोटी, दर्रो, कौड़ो, खुरश्याम, सेवता, गोटी, पोया, पदागोटा, नुरोटी, नेरोटी, वरवेटी, नरेटी, कल्लो, आ्चला, दुग्गा, तुलाई, तारम, करंगा, बोगा, पोटई, हुर्रा, कोला

इसमें सिर्फ दो घराना होते हैं .या कह सकते हैं सम व विषम या लिंगो दर्शन के अनुसार पितृ पक्ष एवं मातृपक्ष ,सम पितृ पक्ष २,४,६,८,१०,१२ देव तथा विषम मातृ पक्ष १,३,५,७,९, देव

बोरदा, शक्ति क्षेत्र की वंशावली.


*गोंड सात वंश के हैं*

*१,सुर्यवंशी (देवगढ़ चांदा )* गोत्र पारेश्वर ६ भाई जगत, १.धुरवा,२.पोखर ३.पोटा ४. भोय ५. गड़तिया ६. धोवा बनवास मांझी

*२. सोमवंशी. पोर्रे ( बैरागढ़ )* गोत्र अत्रि

५ भाई पोर्रे ( पोर्ते )१.नेताम,२.कामेरा ३. मांझी ४.राय ५. भुलेटर

*३.गंगवंशी नेताम (लांजीगढ़)* गोत्र_कश्यप,४ भाई

नेताम, टेकाम, मरपाची, केवाची

*४. गाग्रमवंशी मरकाम (धमधागढ़)* शांडिल्य ५ भाई

१.टेढ़ी मरकाम,२. डुडी मरकाम ३. सहाड़ मरकाम ४.सेत मरकाम ५.साल मरकाम

*५.जदुवंशी नेट (सम्हरगढ़ )* गोत्र अन्डील ३ भाई नेटी

६.कदमवंशी ओटी(आलंका भुवन मठ )गोत्र पुलस्त ६ भाई ओटी १.डोंगर गछा २.डाही डोरा ३.भद्रा ४.बिसोरिहा ५. बहीगा ६. सील

*७.नागवंशी मरई(मरावी )गढ़ मंडला* ,गोत्र पुहुप ७ भाई १.गुटाम २. कुंजाम ३. पुसाम ४. पुरकाम ५. साय ( साही) ६. राय ७. कांदरो


नोट :- *राज गोंड वंशावली अलग है जो ध्रुव वंश और अमात्य गोंड़ के साथ मेल खाता है..!!* 

         🙏कोयतुर रवि आर्मो🙏

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.