जागरूकता कार्यक्रम में प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय श्री शिव बालक साहू, सचिव जिला प्राधिकरण श्रीमती शर्मिला बिलवार, प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं डिप्टी कलेक्टर श्री अजीत मेरावी एवं जिला विधिक सहायता अधिकारी सोमनाथ राय एवं पंचायत के सरपंच सचिव, जी.आर.एस., सहायक सचिव उपस्थित रहे।
प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय श्री शिव बालक साहू द्वारा वर्तमान न्यायिक प्रक्रिया एवं मध्यस्थता का तुलनात्मक विश्लेषण करके मध्यस्थता को वर्तमान समय की आवश्यकता बताया। उन्होंने कहा आज पारिवारिक सदस्यों और पड़ोसियों के साथ छोटे-छोटे विवादों मैं व्यक्ति उलझ कर रह गया है। मुकदमे बड़ी बढ़ रही है जबकि ऐसे विवाद मध्यस्थता के जरिए जमीनी स्तर पर ही सुलझा सकते हैं बशर्ते कोई व्यक्ति ईमानदारी से एवं निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर ऐसे विवाद करने वाले व्यक्तियों की मध्यस्थता कराए।
न्यायिक प्रक्रिया द्वारा न्यायाधीश इस आधार पर निर्णय देते हैं जो उनके समक्ष पक्षकारों द्वारा अपने गवाह के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है जबकि जमीनी हकीकत और सच्चाई पड़ोसियों और ग्राम वासियों को पता होती है इस कारण पंचायत सरपंच,पंच एवं सचिव और अन्य प्रतिनिधि यदि प्रयास करें तो मध्यस्थता के जरिए छोटे-मोटे पारिवारिक व सिविल विवाद ग्रामीण स्तर पर ही समाप्त किये जा सकते हैं। आज इसकी आवश्यकता है।
जिला विधिक सहायता अधिकारी सोमनाथ राय द्वारा मध्यस्थता योजना एवं इसके लाभ के बारे में विस्तार से जानकारी दी तथा बताया कि यदि कोई पारिवारिक विवाद या सिविल विवाद न्यायालय में चल रहे हैं और पंचायत सरपंच सचिव के द्वारा मध्यस्थता किए जाने के पश्चात पक्षकारों में यदि सहमति बनती है तो ऐसे पक्षकारों की सहमति उपरांत न्यायालय से भी विवाद समाप्त करवाया जा सकता है।
प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं डिप्टी कलेक्टर श्री अजीत मेरावी द्वारा बताया गया कि पंचायत प्रतिनिधि सरपंच व सचिव द्वारा इस संबंध में आवश्यक सहयोग व प्रयास किया जावेगा। उन्होंने सभी का आभार व्यक्त किया।