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2.97 लाख परिवारों के लिए भूखमरी की समस्या: सहकारी कर्मचारियों का हड़ताल जारी है"

 2.97 लाख परिवारों के लिए भूखमरी की समस्या: सहकारी कर्मचारियों का हड़ताल जारी है"



बैतूल, 4 सितंबर 2023 - सहकारी कर्मचारी अधिकारों की मांग करते हुए 17 दिनों से चल रहे हड़ताल के बजाय, सरकारी कर्मचारियों के साथ बराबर वेतन और अन्य लाभों की मांग कर रहे हैं। जबकि हड़ताल के प्रभाव को व्यापक रूप से महसूस किया जा रहा है, एक सबसे चिंताजनक परिणाम यह है कि सार्वजनिक राशन वितरण में बाधा आ गई है, जिससे लगभग 2.97 लाख परिवारों को प्रभावित किया जा रहा है।


इस हड़ताल में सहकारी कर्मचारियों के सेल्समेन शामिल हो गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप पूरी सार्वजनिक वितरण प्रणाली में बाधा आ गई है। इसका परिणामस्वरूप, सितंबर में गेहूं, चावल, शक्कर, और नमक सहित राशन का वितरण अभी तक शुरू नहीं हुआ है। विशेषज्ञों की चेतावनी है कि अगर सहकारी कर्मचारियों की हड़ताल जारी रहती है, तो लगभग 2.97 लाख परिवार सितंबर माह के लिए अनिश्चितता का सामना कर सकते हैं।


वर्तमान स्थिति में लगभग 500 उचित मूल्य दुकानें अगस्त 16 के बाद से ताले लटकाकर बंद हैं। इसने पहले ही अगस्त के त्योहारों के दौरान लगभग 90,000 परिवारों को राशन प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करवाया है।


बैतूल जिले में ही, लगभग 91 सहकारी समितियों को शामिल करके ग्रामीण क्षेत्रों की सेवा करने वाली सहकारी सोसायटियों पर हड़ताल का प्रभाव पड़ा है। इससे कृषि सामग्री के वितरण और विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत ऋण वितरण में देरी हो रही है।


सहकारी कर्मचारियों ने, जो वर्षों से अपनी बकाया मांगों के हल की मांग कर रहे हैं, उन्हें राज्य सरकार के आश्वासनों से धोखा मिला महसूस किया है। उन्होंने इसे निरंतर हड़ताल जारी रखने की घोषणा की है जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती। सहकारी कर्मचारी यह दावा करते हैं कि सरकार जो भी समाज के अन्य वर्गों की समस्याओं का समाधान करने के लिए तै रही है, तो सहकारी कर्मचारियों के साथ भेदभाव अनुचित है।


दुकानें बंद होने से उठाव नहीं हो रहा - लुधियानी


नागरिक आपूर्ति निगम बैतूल के प्रबंधक गिरजर लुधियानी ने बताया कि उचित मूल्य दुकानों में खाद्यान का उठाव एडवांस में किया जाता है। लेकिन सहकारी कर्मचारियों की हड़ताल से ग्रामीण क्षेत्रों की उचित मूल्य दुकाने बंद है इसलिए सितंबर माह के लिए खाद्यान्न का उठाव नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि जिले की उचित मूल्य दुकानों में प्रतिमाह लगभग 62 हजार टन गेहूं, चावल, शक्कर, नमक का उठाव होता है। लेकिन अभी तक सितंबर माह का सिर्फ 52 प्रतिशत ही उठाव हो पाया है।


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