सीटीआई संस्थान के विद्यार्थियों का प्रशासनिक सेवाओं में हुआ चयन, आदिवासी विद्यार्थियों को सफलता की ओर अग्रसर कर रहा संस्थान
आदिवासी वर्ग
से आते हैं सभी चयनित विद्यार्थी
ताप्ती दर्शन, बैतूल सीटीआई संस्थान बैतूल के छात्रों का शिक्षक वर्ग 3, सीआईएसफ, सीआरपीएफ सहित आइटीबीपी बीएसएफ और एमपी पुलिस में चयन हुआ है। संस्था के डायरेक्टर दिलीप पंद्राम ने बताया कि संस्था के पवन मर्सकोले, अजय धुर्वे, उमाशंकर उइके, श्याम सेलुकर का शिक्षक वर्ग 3 में चयन हुआ है। वहीं रोहित उइके, विकास उइके और नीलेश टेकाम सीआरपीएफ में भर्ती हुए हैं। इसके अलावा संस्थान में अध्यनरत विद्यार्थी विक्रम धुर्वे आइटीबीपी, रवि धुर्वे, दिव्यानी पहुंचे। उड़के का बीएसएफ और मोनिका मवासे एमपी पुलिस में चयनित हुई।
विकास ने 500 तो रवि ने 1000 में पाई सरकारी नौकरी
जिले की सीटीआई संस्थान 2023 में 23 बच्चों को सिलेक्शन अभी तक दे चुका है,
जिसमें वर्तमान में एसएससी
जीडी में चयनित हुए पांच विद्यार्थी सीटीआई में बच्चों को मार्गदर्शन देने एवं सीटीआई के संचालक दिलीप पंद्राम से मिलने
विकास का वर्तमान में
सीआरपीएफ बटालियन में सिलेक्शन हुआ है। उन्होंने अपना सफलता का श्रेय निलेश उइके एवं सीटीआई के संचालक दिलीप पंद्राम को दिया है। उन्होंने कहा कि आज मुझे इस संस्थान में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आई। 5 साल में 500 फीस देने के बावजूद उन्हें सारी सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई।
रवि धुर्वे ने कहा 2019 से लेकर 23 तक लाइब्रेरी और क्लास का भी फायदा उठाया। मात्र 1 हजार फीस देकर इतना समय तक पढ़ाई किया।
CTI चाहती हूं और लड़कियों के लिए संस्थान आपके उज्जवल भविष्य की कामना करता है
निलेश टेकाम ने बताया कि शुरुआत में जब मैं बैतूल में आया था तो सर के साथ ही जुड़ा था। जब भी फ्री रहता था तो लाइब्रेरी में आकर बैठता था। सर से सवाल जवाब किया करता था और हाल ही में जब सफलता मिली तो मुझे बेहद खुशी हुई। इसके पीछे बड़े भैया, मां, बुआ और संस्थान का सहयोग रहा है।
विक्रम धुर्वे आईटीबीपी ने बताया शुरुआती दौर में सीटीआई से तैयारी की, गरीब परिवार से था। संस्थान के सहयोग से आज मैं अपने मुकाम तक पहुंच गया हूं इसमें परिवार, संस्थान और मां बाप का आशीर्वाद रहा।
दिव्यानी उईके ने कहा सर्वप्रथम संस्था के संचालक को बहुत-बहुत धन्यवाद कहना चाहती हूं कि उन्होंने हमें पढ़ाया और साथ ही पवन सर, रोहित सर एवं सभी संस्था के शिक्षकों को बहुत-बहुत धन्यवाद कहना मैं एक बात यह कहना चाहती हूं कि आपको अपने आप पर स्वयं पर भरोसा होना चाहिए कि हां मैं कुछ कर सकती हूं, जिंदगी में कई ऐसे मोड़ आते हैं जहां पर हमें लगता है कि बस अब बहुत हो गया, आगे शायद हमारा कुछ नहीं हो सकता है परंतु नहीं लड़कियों को हिम्मत हारना नहीं चाहिए क्योंकि वह आखरी हौसला ही होता है जो मंजिल के दरवाजे का ताला खोल देता है। संचालक द्वारा कहा गया कि यह बच्चे बहुत मेहनतकश है, इन बच्चों में आज भी पढ़ाई को लेकर उतना ही जोश जुनून है, जितना शुरू में देखा गया था। इनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं देता हूं और उम्मीद करता हूं कि भविष्य में बहुत तरक्की करें और अपने मां- बाप का नाम रोशन करें।