बेहतर समाज के लिए सबको सोचना होगा, सिर्फ बातें नहीं, काम करना होगा-डॉ.राजा धुर्वे(एमबीबीएस)
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छिंदवाड़ा जिले के तामिया तहसील की यादगार झलक--
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31 जुलाई 2022 की यादगार झलक--
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बैतूल जिले की अग्रणी शिक्षण संस्थान मेडिटेक कैरियर इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर डॉ.राजा धुर्वे(एमबीबीएस) एवं एमसीआई टीम का छिंदवाड़ा जिले के तामिया तहसील के सामाजिक संगठनों एवं शासकीय कर्मचारियों के द्वारा ऐतिहासिक स्वागत एवं अभिनंदन किया एवं तामिया स्थित रेस्ट हाउस में शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वरोजगार लेकर चर्चा किया गया साथ ही 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस को लेकर भी चर्चा की गई,एमसीआई बैतूल के डायरेक्टर डॉ. राजा धुर्वे (एमबीबीएस) ने चर्चा करतें हुए कहा कि यदि समाज को विकास की धारा में जोड़ना है तो सबसे पहले हमारे समाज को शिक्षा एवं स्वरोजगार से जोड़ने की आवश्यकता हैं,
क्योंकि शिक्षा के माध्यम से हमारे समाज की युवापीढ़ी संविधान में दिए गए अधिकारों को जानकर समाज को विकास की नई दिशा में जोड़ सकतें हैं और स्वरोजगार के क्षेत्र में कदम बढ़ाकर समाज को आर्थिक रूप से मजबूत कर सकतें हैं,यदि समाज आर्थिक रूप से मजबूत होगा तो राजनीतिक रूप से मजबूत हो पाएंगे,परन्तु आज हमारे भारत देश में तेजी से आर्थिक और राजनीतिक बदलाव हो रहे हैं। जब आर्थिक और राजनीतिक बदलाव होते हैं तो उसका सीधा असर समाज पर पड़ता है और ऐसे में सामाजिक संरचनाएं टूटती हैं। संरचनाओं के टूटने का असर लोगों की मानसिकता पर गहरा पड़ता है।
तय है इससे हर उम्र और हर तबके के लोगों पर प्रभाव पड़ता है। लेकिन क्या जो सामाजिक बदलाव हो रहा, वो सही है? जिन हालात में हम रह रहे हैं क्या उससे हम संतुष्ट हैं? क्या समाज के हर तबके तक वो सारी चीज़े पहुंच रही हैं जिसकी उन्हें उम्मीद है? इन सारे सवालों से जूझना ज़रूरी है और गंभीरता से सोचना ज़रूरी है।मैं अपनी बात उन लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की जो समाज को लेकर चिंतित हैं,समाज की बेहतरी के लिए प्रयासरत हैं, जो समाज में कुछ अच्छा कर रहे, सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए निवेश करने की तैयारी कर रहे हैं।देश में हर क्षेत्र में लगातार काम करने की ज़रूरत है।ऐसे में हमें सिर्फ कहने के लिए काम नहीं करना है। बदलाव के लिए काम करना है।मेरा मानना है कि समाज में जिस बदलाव की सबसे ज्यादा ज़रूरत है वो है लोगों के मन में सुरक्षा का भाव आना।
जिसकी शुरुआत घर से होती है। ऐसा क्यों नहीं होता कि हम अपने घरों में अपनी छोटी बेटी को अकेले रहने देते हैं। वजह है असुरक्षा। जिस दिन हम ऐसा करने लगेंगे उस दिन समझा जाएगा कि बदलाव आ रहा है समाज में।